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Lord Saraswati Ashtottara Sata Namavali in Sanskrit

Saraswati Ashtottara Sata Namavali – Sanskrit Lyrics (Text)

Saraswati Ashtottara Sata Namavali – Sanskrit Script

ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ महाभद्रायै नमः
ॐ महमायायै नमः
ॐ वरप्रदायै नमः
ॐ पद्मनिलयायै नमः
ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः
ॐ पद्मवक्त्रायै नमः
ॐ शिवानुजायै नमः
ॐ पुस्त कध्रते नमः
ॐ ज्ञान समुद्रायै नमः ॥10 ॥
ॐ रमायै नमः
ॐ परायै नमः
ॐ कामर रूपायै नमः
ॐ महा विद्यायै नमः
ॐ महापात कनाशिन्यै नमः
ॐ महाश्रयायै नमः
ॐ मालिन्यै नमः
ॐ महाभोगायै नमः
ॐ महाभुजायै नमः
ॐ महाभाग्यायै नमः ॥ 20 ॥
ॐ महोत्साहायै नमः
ॐ दिव्याङ्गायै नमः
ॐ सुरवन्दितायै नमः
ॐ महाकाल्यै नमः
ॐ महापाशायै नमः
ॐ महाकारायै नमः
ॐ महाङ्कुशायै नमः
ॐ सीतायै नमः
ॐ विमलायै नमः
ॐ विश्वायै नमः ॥ 30 ॥
ॐ विद्युन्मालायै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ चन्द्रिकाय्यै नमः
ॐ चन्द्रवदनायै नमः
ॐ चन्द्र लेखाविभूषितायै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः
ॐ सुरसायै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ दिव्यालङ्कार भूषितायै नमः
ॐ वाग्देव्यै नमः ॥ 40 ॥
ॐ वसुधाय्यै नमः
ॐ तीव्रायै नमः
ॐ महाभद्रायै नमः
ॐ महा बलायै नमः
ॐ भोगदायै नमः
ॐ भारत्यै नमः
ॐ भामायै नमः
ॐ गोविन्दायै नमः
ॐ गोमत्यै नमः
ॐ शिवायै नमः
ॐ जटिलायै नमः
ॐ विन्ध्यवासायै नमः
ॐ विन्ध्याचल विराजितायै नमः
ॐ चण्डि कायै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ ब्राह्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मज्ञा नैकसाधनायै नमः
ॐ सौदामान्यै नमः
ॐ सुधा मूर्त्यै नमः
ॐ सुभद्रायै नमः ॥ 60 ॥
ॐ सुर पूजितायै नमः
ॐ सुवासिन्यै नमः
ॐ सुनासायै नमः
ॐ विनिद्रायै नमः
ॐ पद्मलोचनायै नमः
ॐ विद्या रूपायै नमः
ॐ विशालाक्ष्यै नमः
ॐ ब्रह्माजायायै नमः
ॐ महा फलायै नमः
ॐ त्रयीमूर्त्यै नमः ॥ 70 ॥
ॐ त्रिकालज्ञाये नमः
ॐ त्रिगुणायै नमः
ॐ शास्त्र रूपिण्यै नमः
ॐ शुम्भा सुरप्रमदिन्यै नमः
ॐ शुभदायै नमः
ॐ सर्वात्मिकायै नमः
ॐ रक्त बीजनिहन्त्र्यै नमः
ॐ चामुण्डायै नमः
ॐ अम्बिकायै नमः
ॐ मान्णाकाय प्रहरणायै नमः ॥ 80 ॥
ॐ धूम्रलोचनमर्दनायै नमः
ॐ सर्वदे वस्तुतायै नमः
ॐ सौम्यायै नमः
ॐ सुरा सुर नमस्क्रतायै नमः
ॐ काल रात्र्यै नमः
ॐ कलाधारायै नमः
ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः
ॐ वाग्देव्यै नमः
ॐ वरारोहायै नमः
ॐ वाराह्यै नमः ॥ 90 ॥
ॐ वारि जासनायै नमः
ॐ चित्राम्बरायै नमः
ॐ चित्र गन्धा यै नमः
ॐ चित्र माल्य विभूषितायै नमः
ॐ कान्तायै नमः
ॐ कामप्रदायै नमः
ॐ वन्द्यायै नमः
ॐ विद्याधर सुपूजितायै नमः
ॐ श्वेताननायै नमः
ॐ नीलभुजायै नमः ॥ 100 ॥
ॐ चतुर्वर्ग फलप्रदायै नमः
ॐ चतुरानन साम्राज्यै नमः
ॐ रक्त मध्यायै नमः
ॐ निरञ्जनायै नमः
ॐ हंसासनायै नमः
ॐ नीलञ्जङ्घायै नमः
ॐ श्री प्रदायै नमः
ॐ ब्रह्मविष्णु शिवात्मिकायै नमः ॥ 108 ॥